सहारनपुर। बज्मे निश्तर मजाहिरी के तत्वावधान में शायरी नशिस्त का आयोजन किया गया, जिसमें शायरों ने अपने कलाम सुना श्रोताओं की दाद बटोरी। चैधरी विहार बेहट रोड पर आयोजित शायरी नशिस्त का आगाज सैय्यद इमरान निश्तर के नाते पाक से हुआ। महफिले नशिस्त की शमा रोशन व अध्यक्षता उस्ताद शायर अकमल इमाम ने की। शायरों ने अपने शानदार कलाम पेश कर देर रात तक समा बांधा।
सैय्यद इमरान ने अपनी नाते पाक में सजय़ा कि बयान अजमते खेरूल अनाम करते है, येही तो एक शफाअत का काम करते है। अकमल इमाम ने कुछ यूं कहा कि अफिरे जि़न्दगी हूं क्या बताऊं के फियात अपनी, मु-हजये पाबन्दियों में काटनी होगी हयात अपनी। आसिफ पीरजादा ने अपने इस कलाम से लोगो को खूब हंसाया ‘उल्लू की तरह ताक रहे है तुझे पैगाम हमराह रहे, दश्ते बला रोजे अजल से।
नशिस्त के आखरी पड़ाव में अशरफ हिलाल कासमी ने मौजूदा हालात पर कुछ यूं प-सजय़ा कि ‘याद रखे ये सभी आग लगाने वाले, जल भी सकते है किसी रोज जलाने वाले। अंत मे सहारनपुर के जाने माने उस्ताद शायर स्वर्ग मौलाना निश्तर मजाहिरी को खिराजे अकीदत पेश कर दुआये मगफिरत की। प्रोग्राम में इस्लाम शायर, सिकंदर हयात, हारून साबिर फरीदी, आदिल ताबिश, खुर्रम सुल्तान, अय्यूब शोला, अनवर साबरी, मो0अहमद अमजद, मास्टर साबिर आदि ने अपनी शायरी से देर रात तक समां बांधा।