प्रख्यात शायर राहत इंदौरी के निधन पर शोक व्यक्त करते बोर्ड के पदाधिकारी
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं, सामान सो बरस का है पल की खबर नहीं...।
सहारनपुर। प्रख्यात शायर राहत इंदौरी के निधन पर उर्दू तालिमी बोर्ड ने शोक व्यक्त करते हुए अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर देश के साहित्य जगत में उनके निधन को बहुत बड़ी क्षति बताया। गौरी शंकर बाजार स्थित एक कम्प्यूटर सैंटर में उर्दू तालिमी बोर्ड की आयोजित शोक सभा में प्रख्यात शायर राहत इंदौरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए संस्था के महासचिव दानिश सिद्दकी ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी व उर्दू अदब की महफिलो के जांबाज शायर राहत इंदौरी के इंतेकाल से पूरा देश रजोगम में है और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच उनका निधन साहित्य जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
इस दौरान उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हिंदुस्तान से उनके चाहने वालो की आंखों से गम के बरसते आंसू और मुंह से निकलने वाली आवाज चीख-चीख कर कह रही आज हिंदी-उर्दू के बीच का एक और मजबूत पुल टूट गया। ‘सबके दिलों की आज उल्फत चली गई, ऐसा लगा कि बजम से राहत चली गई। उर्दू तालिमी बोर्ड के सरपरस्त वदूद अहमद सिद्दीकी व सज्जाद हुसैन एडवोकेट ने कहा कि उर्दू अदब की कद्दावर शख्सियत थे। राहत इंदौरी जब वो डूबकर अपने शेर पढ़ते थे तो हजारों लोगों का मजमा दीवाना-सा हो उठता था।